Hindi bhootiya kahaani, हिन्दी भूतिया कहानी आप सभी लोग जानते होंगे की भूतों की कहानी किसको सुनना पसंद नहीं है जब कोई बूड़ा आदमी भूतिया कहानिया सुनाने बैठता है
तो उसके आस पास काफी लोग जाम हो जाते है उनकी कहानी सुनने के लिए जब वे बूड़े दादा शुरुवात करते है सुनना सभी लोग सुनने मे मगन हो जाते है की उसके बाद क्या हुआ
उसके बाद क्या हुआ सभी लोग यही सोचते की कभी उनका सामना भूत से हुआ तो वे क्या करेगे और ये सुनने का सिलसिला चलता राहत है

बहुत ही खूबसूरत वाली घूमने जगहे
भूतिया सन्नाटे की गूंज
सन्नाटे की गूंज
Hindi bhootiya kahaani, शाम का समय था और अंधेरा जल्दी हो रहा था भूतिया लोगों को लग रहा था या सिर्फ बादल है लेकिन लोग यह समझ नहीं पा रहे थे ऐसा क्यों हो रहा है
जब तक लोग यह बात समझते यह सन्नाटे भरी शाम अपने आपने एक बहुत बड़ा तूफान समेटे चुकी थी जैसे-जैसे वक्त बीत रहा था
बादल लाल हो रहे थे और मानो जैसे आकाश में किसी ने किसी के लिए दिए जला दिए हो ऐसे वक्त में सभी जानवर शोर मचाने लगे थे
ये कहानी वैसे गांव की जहां के लोग आज की हम मॉडर्न लोगों की निगाहें अंधविश्वास कहलाती है ये कहानी है वैसे गांव की जहां तुम लोग आज की रीति-रिवाजों को बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान देते हैं
उनका का यह मानना है इससे देवी देवता खुश होते हैं और उनके गांव में खुशहाली बरकरार रहती है लेकिन अभी खुशहाली किसी की नजर लगने वाले लोग यह समझते हैं
इससे पहले की इस कदर सन्नाटा और अकेला हो गया था मानो कि यह काला साया बादलों पर से आसमान पर से कभी हटे का ही नहीं।
उसके बाद भूतिय का क्या हुआ ?
या कोई भूत प्रेत नहीं था लेकिन गांव वालों को अचंभित करने के लिए बहुत कारगर साबित होने वाला था जैसे-जैसे बादल काले घने होते जा रहे थे
लोगों के दिलों में डर का माहौल और बढ़ता जा रहा था फिर अचानक से जो हुआ एक बहुत तेज आवाज आई किसी के चीखनेकी और उसकी आवाज इतनी ज्यादा तेज थी
कि मै एकदम सहम गया और उसके बाद अचानक से बहुत ही डरावनी शक्ल वाला एक भूत सामने आया उसके एक हाथ में मानव जैसे लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई हो,
उसके एक हाथ मे फूल और दूसरे हाथ मे तलवार थी और वो गाव के परतेक व्यक्ति के पास जाता और उनसे एक दोनों मेसे एक को चुनने को कहता,
सबसे पहले वह गाव के मुखिया के मुखिया रामनाथ के पास गया और उनसे एक चीज उठाने के लिए कहा वह डरे सहमे हुए
हिचकीचाहते हुए कभी उसके हाथों की चीजों को देखते तो कभी उसके चेहरे को इतने डरे हुए थे
कि कुछ ना उठा सके जब वह कुछ ना उठा सके तो उसने अपनी तलवार से मुखिया के सर को बीच से काट दिया
यह देखकर गांव के और भी सदस्य के लोगों में डर फैल गया कि आखिर अगर वह मेरे पास आएगा तो मैं क्या उठा लूंगा कुछ लोगों को यह लगा की तलवार उठा लेंगे
अगर वह हमें छोड़ देगा या फूल उठा लेंगे अगर वह हमें जाने देगा बल्कि जो आगे होने वाला था वो इनकी सोच से भी ज्यादा कहीं दर्दनाक था
क्योंकि उसकी निगाह में जो कोई भी फूल को उठा था भूतिया वह उसे मोम की तरह जलाकर राख कर देता और जो कोई भी तलवार की तरफ हाथ बढ़ाता तो हो वह समझता की या मेरे सामने लड़ने के लिए आ गया है
और उसे मुकाबले में मार देता कोई नहीं जानता था की फिर इस बला से किस तरह से बचा जाए लोग तो डरे सहमे हुए थे
लेकिन वे सबसे ज्यादा परेशान थे सब अपने बारे मे सोच रहे थे कि आखिर इस तरह से इस मुसीबत से निकला जाए इतना सोचते ही
एक छोटा सा बच्चा सामने आया और उसके सामने खड़े हुए भूत जैसी शक्ल वाले को पकड़ कर उससे कहा कि कि तुम अगर यूं ही सब को मार दोगे तो तुम क्या हासिल कर लोगे
क्या कुछ ऐसा भी है जिससे तुम हासिल कर सको आखिर कोई न कोई चीज़ होगा जो तुझे चाहिए
प्यार होगा या जिसकी तुम्हें जरूरत होगी तुम हमें वह चीज बताओ हम तुम्हें लाकर देंगे, इतना सुनना था कि उसने अपने हाथ से तलवार को जमीन पर फेकते हुए कहा
कि बस मुझे यही चाहिए था कि कोई मुझसे प्यार से बात करो इसके बाद वहां से चला गया और दोबारा लौटकर नहीं आया|
साराश :
इस पूरे ब्रह्मांड में अगर कोई चीज सबसे ज्यादा कीमती है तो वह है दूसरो के प्रति अच्छा व्यवहार करेंगे तो वो भी हमारा साथ देगा
और उनकी सेवा करते हैं परंतु इस कलयुग के दौर में बिल्कुल इसके अलग हो रहा है हम अपने काम में थे मतलबी हो गए हैं
हमें औरों का कोई सवाल ही नहीं है सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमें अपने व्यापार को दूसरों के प्रति धर्मनिरपेक्ष होकर उसके साथ आदर का व्यवहार करना चाहिए अभी तो उसका सम्मान करना चाहिए
साथ ही साथ हमें लोगों को उनके कपड़ों उनकी शक्लो पर कभी भी बुरा भला नहीं करना चाहिए
गर्म खून ठंडा खून अक्सर आपने अपने बड़े बुजुर्गों से सुना है
कि जिस व्यक्ति का खून गर्म होता है वह भूत प्रेतो से काफी दूर रहता है अथवा वो उन्हे दिखाई ही नही पड़ते अपितु जो ठंडे खून वाले होते है
उन्हे वो तुरंत दिख जाते हैं या उनके होने का अहसास उन्हे होने लग जाता है और कभी गरीबों ₹1 देते हैं यही वजह है जानवर लोग भूत प्रेतों को आसानी से देख पाते हैं
अगली भूतिया कहानी

Hindi bhootiya kahaani ,भूतिया यह बात को गुजरे काफी वक्त नहीं हुआ एक मर्तबा में अपने शहर जयपुर से किसी सफर के लिए रवाना हो रहा था परिवार के साथ था
रात काफी हो गयी थी और जैसा की आप सब जानते हैं की पहाड़ों मे रास्ता बहुत सकरा होता है मुझे डर था मानो जैसे अभी गाड़ी पलट जाएगी मैं अपने मगन में था और कार के बाहर मुंह निकालकर गाना सुन रहा था
अचानक मुझे तेज हवाओं की सरसराहट के साथ कुछ आवाजें सुनाई दी और साथ ही मुझे जानवरों की दौड़ने ने की आवाज और उनके चिल्लाने की आवाज सुनाई दी मैं समझ नहीं पा रहा था
ऐसा क्यों हो रहा है इतना सोचना था की हमारी गाड़ी गड्डे से होकर गुजरी फिर मैंने अपने सामने बैठे हुए चाचा से पूछा ये जानवर ऐसे क्यू भाग रहे है
उन्होंने मुझे चुप कराते हुए कहा खामोश हो जाओ और चुपचाप लेट जाओ या चुपचाप बैठे रहो हम इस बारे में बाद मे बात करेंगे,
मैं यह सोच में था कि आखिर ऐसी कौन सी बात है कि मुझे बताने से मना कर रहे है, आखिरकार जब हम घर पहुंच गए तो उन्होंने बताया कि जिस रास्ते से हम जा रहे थे
अक्सर वहां पर लोगों की एक्सीडेंट होने की वजह से मृत्यु हो जाती है और उनकी आत्माएं वही भटकती रहती है
जिन्हे मनुष्य नहीं देख सकता लेकिन जानवर देख सकते है इसीलिए वो शोर मचा रहे थे |
एक अजीब भूतों की टोली

Hindi bhootiya kahaani, यह बात कब की है मुझे कुछ याद तो नहीं है, हां बस यही याद जरूर है की रात का सफर था
मौसम काफी सुहाना था मैं अपने पूरे दिन भर की थकान को मिटा कर ट्रेन में सो रहा था कुछ समय बाद रात के 2:00 बजे मेरा स्टेशन आ गया और मुझे वहां से उतरना पड़ गया मैं नींद था
बहोत ही मुश्किल से मैंने अपने समान कैसे-कैसे उठा कर घर की ओर चल दिया, रात का समय था
तो ऑटो वाले भी क्या कुछ ज्यादा मांग रहे थे इसलिए मैंने पैदल चलना ही ठीक समझा जब मै अपने मोहल्ले में आया,
मैं देखता हूँ की एक के पीछे एक ज़ंजीर से बंधे हुए तेजी के साथ ज़ंजीर को पटकते हुए जो
डरावनी आवाजों को निकालकर चिल्लाते हुए जा रहा है और कुछ और इतना तेज है कि उसे अगर कोई सुन ले तो डर के मारे वही मर जाए
हालांकि मेरे मोहल्ले में बहुत सारे लोग हैं जो रातों को जागते हैं बल्कि पूरी रात जागते बहुत सारे लोग जागते हैं जिनकी नींदे ऐसी होती है थोड़ी सी भी सरसराहट पर उनकी आंखें खुल जाती है
लेकिन उनका उस रात जागना एक तरह से मेरे लिए खुशनसीबी या बदनसीबी बना रहा इस बात को कभी नहीं भूल सकता मैंने जो अपनी आंखों से देखा
उसकी वजह मुझे पता नहीं ऐसा क्यों ईश्वर की इच्छा थी या फिर जो हमारे बड़े थे जिसका खून ठंडा होता है भूतों को देख सकता है
जैसे कि जानवर फिलहाल इन सबके बावजूद मैं देख रहा था कि जैसे ही मैं अपने मोहल्ले मे आया तो पीछे से तेज रफ़्तार के साथ भूतो का एक झुंड शोर करते हुए मेरे सामने से गुजर रहे है
डर से कापना

हिन्दी भूतिया कहानी hindi bhutiya kahaani
Hindi bhootiya kahaani, मैं डरा सहमा एक किनारे पर खड़ा हो गया और ईश्वर से प्रार्थना करने लगा ईश्वर मुझे इन सब से बचा ले आखिरकार उसकी कृपा मुझ पर बनी रही
और मैं धीरे-धीरे अपने घर की ओर बढ़ गया लेकिन उस रात मेरे साथ जो कुछ भी हुआ मैंने आज तक नहीं भूल पाया फिर यही करीब 2 साल के बाद मुझे एक और बात सामने आए ऐसा हुआ था कि करीब शाम के 6:00 या 7:00 बजे के बाद हम लोग अपने गांव में थे
और जैसे ही मैं घर की तरफ आ रहा था तो मुझे अपने पीछे किसी की चलने की आवाज सुनाई दी मुझे नहीं पता कि वह क्या था
लेकिन जैसे ही मैं घर के अंदर गया तो मेरे दादा ने कहा बेटे कहां गए थे तो मैंने उन्हें बताया कि मैं तो उस वाले पोखरे पर गया था
ऐसे ही मैंने उन्हें पोखरे और बाग का नाम बताया वह चिल्लाने लगे और इतना कहते ही मुझसे
कहने लगे आज अगर तुझे कुछ हो जाता है तो मै तेरी मां को क्या जवाब देता
अभी तेरे पिता से कैसे नजरे मिला क्योंकि पोखरी में कूदकर एक बच्चे ने अपनी जान दे दी थी इसकी आत्मा आदमी भटकती है
इसीलिए जो वक्त से पहले अपनी मृत्यु से पहले संसार से चले जाते हैं अक्सर भूत प्रेत की शक्ल में घूमते रहते हैं
और लोगों को परेशान करते रहते हैं इसीलिए कहीं भी जाने से पहले वहां के बारे में जान लें ताकि बाद में आप भी परेशान ना हो|
एक और भूतिया हादसा

Hindi bhootiya kahaani,एक और ऐसी घटना मुझे कुछ वर्ष पहले सामने आई मैं शाम के वक्त बाग से घर आ रहा था की मुझे किसी के भूत चलने की आहट सुनाई पड़ी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था
कि वह आखिर ऐसा क्या हो सकता है और वह चीज ऐसी थी की किसी से बताना शब्दों में बयान करना मेरे लिए उस वक्त अत्यंत कठिनाई से भरा हुआ था
जब मैं अपने घर को आ गया तो मेरे दादाजी ने मुझे अपने पास बुलाया और मेरे सहमे हुए चेहरे को देखते ही पूछा बेटा क्या हुआ है
मैंने उन्हें बताया कि मैंने अपने पीछे किसी की चलने की आहट को महसूस किया है उन्होंने बताया कि बेटा यह तुम्हारा वहम हो सकता है
और उन्होंने मुझे यह बात को नजरअंदाज करते हुए कहा चलो कुछ नहीं हुआ जाओ आराम करो, कुछ दिनों के बाद मैं जब रात को करीब 10:00 वहां से आ रहा था
मुझे फिर से वही आहट महसूस हुई और इस बार भी मैंने इसे वहम समझा और आगे बढ़ने की कोशिश की,
तो मेरे मन में या उत्सुकता जागी क्यों ना आखिर पलट कर पीछे देखा जाए जैसे ही मैंने पीछे देखा तो कोई चीज जैसे हवा की तरह सन से गायब हो गई हो
और फिर मुझे लगा कि कुछ नहीं है फिर मैं अपनी मगन में आगे ऐसे बढ़ता रहा और फिर मुझे अचानक वही किसी के आहट महसूस हुई
इस बार मुझे अंदर ही अंदर थोड़ा डर सा महसूस हो रहा था अब पीछे पलट कर देखने में मुझे थोड़ी ज्यादा घबराहट हो रही थी
पीछे मूड के देखना
Hindi bhootiya kahaani, लेकिन मैंने हिम्मत करके फिर से पीछे की तरफ देखने की कोशिश की तो मैं क्या देखता हूं की एक आधा कटा हुआ सर मेरे पीछे-पीछे आ रहा है
और जब मैंने उसे देखा तो उसने अपनी जीभ अपने मुह से बाहर निकाल ली और उसके चलने की रफ्तार बढ़ गई मैं दौड़ने लग गया
यहां तक की मैं अपने घर को आ गया उस रात मैं डर के मारे सो ना सका और अगले ही दिन मुझे इस कदर बुखार हो गया कि मुझे एक तांत्रिक के पास ले जाया गया
और उन्होंने मेरा इलाज किया और उन्होंने बताया इस बच्चे पर भूत का साया नहीं है लेकिन इस पर उसका डर हावी हो गया है और उन्होंने मुझे एक मंत्र युक्त धागा दिया औ
र कहां इसे कभी खुद से अलग मत करना तब से लेकर आज तक मुझे दोबारा तो नहीं दिखाई दिया लेकिन उसका डर मेरे दिमाग में आज भी है
यहां तक कि कभी-कभी ऐसा होता है कि वह डर के मारे मैं रातों को नींद से जाग जाता हूं और कभी कभी ऐसा होता है कि मैं पूरी रात भी नहीं सोता हूं
जब भी कोई मुझे किसी भी दुर्घटना के बारे में बताता है तो मुझे ऐसा लगता है जैसे कोई मुझ पर ही बीत रही हो भले ही मैं उसमें शामिल रहा हूं
या नहीं लेकिन अब मैं इन सब चीजों को पीछे छोड़ आया हूं लेकिन इस डर ने मुझे आज तक नहीं छोड़ा है|
That was so horor