Roza rakhne ki dua aur Roza kholne ki dua: हर मुसलमान के लिए रमज़ान एक महत्वपूर्ण त्योहार होता है जिसमे पूरे महीने लोग रोज़ा रखते है पाँच वक़्त की नमाज़ पढ़ते है और पूरे महीने तराविह की नमाज़ अदा करते है इस त्योहार के आखिरी वक़्त मे लोग ज़कात अदा करते है
इस त्योहार मे मुसलमान को रोज़ा रखने की दुआ और रोज़ा खोलने की दुआ की ज़रूरत पड़ती है पर यह दुआए कुछ लोगों को याद नहीं होती है जिससे वो थोड़ा परेशान होते है चालिए आज हम उन दुआओ के बारे मे बता रहे है।
रोज़ा कब है 2025 | रोज़ा 28 2025 फरवरी से शुरू है |
आखिरी रोज़ा | 29 मार्च 2025 |
रोज़े की अवधि | 1 महिना |
ईद कब है | इस साल की ईद 30 या 31 मार्च की तारीख को हो सकती है |
सऊदी मे रोज़ा कब है | सऊदी मे रोज़ा 27 फरवरी 2025 को हो सकता है |

रोज़े की नियत (roze ki niyat)
इस त्योहार मे रोज़े की नियत बहुत ही मायने रखती है क्युकी अल्लाह रोज़ा क़ुबूल करने से पहले रोज़ेदार की नियत को देखता है अगर आपकी नियत सही नहीं है तो आपका रोज़ा क़ुबूल नहीं होता इसलिए इस त्योहार मे खासतौर पर नियत पर ध्यान देना होता है
इसके बाद आपको नमाज़ की पाबंदी करनी होती है ज़्यादा से ज़्यादा कुरान की तिलावत करनाी होती है तभी आपका रोज़ा पूरी तरह से क़ुबूल कीया जाता है।
रोज़ा टाइम टेबल (roza time table 2025) (roza kholne ka time 2025)
चलिए आज हम आपको इस साल के रोज़े का टाइम टेबल एक फॉर्मैट के साथ बताते है जिससे आपको समझने मे आसानी होगी
Iftar Time | Shahri Time | Ramzan | Day | Date |
---|---|---|---|---|
6:07 | 4:55 | 1 | Friday | 28 Feb |
6:07 | 4:54 | 2 | Saturday | 01 |
6:07 | 4:53 | 3 | Sunday | 02 |
6:08 | 4:52 | 4 | Monday | 03 |
6:09 | 4:51 | 5 | Tuesday | 04 |
6:09 | 4:50 | 6 | Wednesday | 05 |
6:09 | 4:49 | 7 | Thursday | 06 |
6:10 | 4:48 | 8 | Friday | 07 |
6:10 | 4:47 | 9 | Saturday | 08 |
6:10 | 4:47 | 10 | Sunday | 09 |
6:11 | 4:46 | 11 | Monday | 10 |
6:11 | 4:45 | 12 | Tuesday | 11 |
6:12 | 4:43 | 13 | Wednesday | 12 |
6:12 | 4:42 | 14 | Thursday | 13 |
6:13 | 4:40 | 15 | Friday | 14 |
6:13 | 4:39 | 16 | Saturday | 15 |
6:13 | 4:38 | 17 | Sunday | 16 |
6:14 | 4:37 | 18 | Monday | 17 |
6:14 | 4:36 | 19 | Tuesday | 18 |
6:14 | 4:35 | 20 | Wednesday | 19 |
6:15 | 4:35 | 21 | Thursday | 20 |
6:15 | 4:34 | 22 | Friday | 21 |
6:16 | 4:33 | 23 | Saturday | 22 |
6:16 | 4:32 | 24 | Sunday | 23 |
6:17 | 4:31 | 25 | Monday | 24 |
6:17 | 4:30 | 26 | Tuesday | 25 |
6:18 | 4:28 | 27 | Wednesday | 26 |
6:18 | 4:27 | 28 | Thursday | 27 |
6:18 | 4:25 | 29 | Friday | 28 |
6:19 | 4:24 | 30 | Saturday | 29 |
roza rakhne ki dua aur Roza kholne ki dua
आप सल्लल्लहू अलैहि वसल्लम फरमाते है की रोज़ा रखने से पहले आपको इस दुआ को ज़रूर से पढ़ना चाहिए इस दुआ से मुराद जब आप फज्र की अज़ान से पहले शहरी (खाना) खाते है
उसके तुरंत बाद इस दुआ को पढ़ी जाती है लेकिन हमारे बहुत से भाइयों और बहनों को ये दुआ याद नहीं होता है इसलिए आज हम आपको रोज़ा रखने की दुआ (roza rakhne ki dua) कैसे पढ़े नीचे बता रहे है।
रोज़ा रखने की दुआ इन हिन्दी (Roza rakhne ki dua in hindi)
“व बिसोमि गदिन नवै तु मिन शहरी रमज़ान”
रोज़ा रखने की दुआ इन इंग्लिश
“Wa bisawmi gadin nawaiytu min shahari ramzan”
रोज़ा खोलने की नियत (Roza kholne ki niyat)
चलिए आब बात करते है रोज़ा खोलने की नियत की जिसे इफ्तार के वक़्त पढ़ा जाता है दरअसल जो लोग रोज़ा रखते है वो अल्लाह को राज़ी करने के लिए रखते है यानि अल्लाह उनसे राज़ी हो जाए और उनका रोज़ा क़ुबूल कर ले, ये सारी चीजे आपकी नियत के ऊपर निर्भर करता है।
रोज़ा खोलने की दुआ (Roza kholne ki dua)
रोज़ा खोलने की दुआ इफ्तार के वक़्त पढ़ी जाती है इस दुआ को पढ़ना वाजिब होता है बेगैर इस दुआ के आप रोज़ा नहीं खोल सकते है इफ्तार खोलते वक़्त सबसे पहले खजूर खाना बेहतर माना जाता है क्युकी आप सल्लल्लहू अलैहि वसल्लम अपना रोज़ा खजूर से शुरू करते थे इसलिए आप भी अपना रोज़ा खजूर से शुरू करे चलिए अब रोज़ा खोलने की दुआ आपको बताते है
रोज़ा खोलने की दुआ इन हिन्दी (Roza kholne ki dua in hindi)
अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु व-बिका आमन्तू व-अयका तवक्कलतू व-अला रिज़क़िका अफतरतू”
रोज़ा खोलने की दुआ इन इंग्लिश (Roza kholne ki dua in english)
“Allahumma inni laka sumtu wa-bika amantu wa’alayaka tawakkaltu wa’ala rizqika aftartu”

रोज़ा कब है (Roza kab hai 2025) when is ramadan 2025
रोज़ा मुसलमानों के लिए एक बहुत ही खास दिन होता है जिसका इंतेजार लोगों को कब से होता है रोज़ा आने से पहले ही काफी लोग इसे सर्च करने लगते है की रोज़ा कब है (Roza kab hai 2025) है किस तारीख को है या फिर ईद कब है किस तारीख को है इस तरह के कई प्रकार के सवाल खोजते है।
हम आपको बता दे की इस साल का रोज़ा 28 फरवरी 2025 से शुरू हो रहा है जो 29 मार्च 2025 तक रहेगा इस पूरे महीने मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत करते है अपने गुनाहों की माफी मांगते है नमाज़ पूरी पाबंदी से पढ़ने की कोशिश करते है ताकि उनसे अल्लाह राज़ी हो जाए और उनके गुनाहों को माफ कर दे।
सऊदी मे पहला रोज़ा कब है first roza in saudi
अकसर जब भी भारत मे रोज़े की तारीख देखनी होती है तो सबसे पहले लोग सऊदी के बारे मे पता करते है की वहाँ पर रोज़ा किस दिन पड़ रहा है क्युकी अकसर भारत मे रोज़ा सऊदी के एक दिन बाद होता है इस साल हिंदुस्तान मे रोज़ा 28 फरवरी से शुरू हो रहा है इसके अनुसार सऊदी मे रोज़ा 27 फरवरी 2025 से शुरू होगा जो 29 मार्च 2025 को पूरा होगा।
ईद कब है (Eid kab hai)
ईद जिसे मुस्लिम समुदाय “ईद-उल-फ़ित्र” भी कहते है इस त्योहार को एक और नाम से जाना जाता है वो है “मिठी ईद” सारे लोग नमाज़ पढ़ने के बाद एक-दूसरे से गले मिलते है एक-दूसरे को ईद की बधाई देते है इस दिन पूरा मुस्लिम समुदाय खुशी मनाता है हर घर मे खुशहाली होती है हर घर मे सेवाइया बनाई जाती है
सारे लोग अपने दोस्त यार को सेवई खाने के लिए घर बुलाते है यह त्योहार भाईचारे को बढ़ावा देता है जिसे कई और समुदाय के लोग मिलकर मनाते है यह त्योहार रोज़े के आखिरी दिन चाँद दिखने के बाद ही मनाया जाता है पर अभी से ही कई लोगों के मन मे ये सवाल है की ईद कब है
चलिए जानते है की ईद कब है दरअसल ईद इस बार अगर उर्दू की 29 को चाँद हुआ तो ईद 30 को मनाई जाएगी और यदि चाँद 30 का हुआ तो उर्दू की 1 तारिख को ईद मनाई जाएगी।
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रोज़ा रखने के फायदे (Roza rakhne ke faayde)
रोज़ा रखने के कई फायदे होते है जो निम्नलिखित है-
- रोज़ा रखने से हमारी शरीर की कई बीमारिया कम हो जाती है इससे आपकी पाचन तंत्र मे बहुत सुधार होता है जिससे आपका पूरा शरीर अच्छे से काम करता है।
- रोज़ा रखने से अल्लाह से लगाव बढ़ता है
- रोज़ा रखने से खुद मे तक़वा आता है
- रोज़ा रखने से खुद मे संयम और आत्मविश्वास आता है
- रोज़ा रखने से समाज मे एकता का भाव पैदा होता है क्युकी यह आपको एक-दूसरे से मिलजुल कर रहने और एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।
- रोज़े से आपका मस्तिष्क शांत होता है
- रोज़ा हमे गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए प्रेरित करता है।
- रोज़े मे लोग आपसी मतभेद खत्म करके खुशहाली मनाते है।

शब-ए-मेराज (shab-e-meraj 2025)
शब-ए-मेराज जिसे बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है इसे 27 रजब को मनाया जाता है इस दिन मुस्लिम समुदाय अल्लाह की पूरी रात इबादत करते है जैसे की कुरान की तिलवात करना, नमाज़ की पाबंदी करना, अल्लाह का जिक्र करना आदि।
तरावीह क्या है
तरावीह एक बहुत ही महत्व नमाज़ होती है जिसे रमज़ान मे पढ़ी जाती है यह नमाज़ ईशा नमाज़ के बाद पढ़ी जाती है जिसमे कुल 20 रकात नमाज़ होती है तरावीह को 2-2 रकात करके पढ़ी जाती है हर 4 रकात के बाद जलसा आता है यानि सलाम फेरने के तुरंत बाद जिसमे तरावीह की दुआ पढ़ी जाती है।
तरावीह मे पढ़ने वाली दुआ (Tarawih padne ki dua)
तरावीह मे पढ़ने वाली दुआ हम नीचे बता रहे है-
सुबहाना ज़िल मुल्के वल मलकूत
सुबहाना ज़िल इज़्ज़ते वल अज़मते वल हैवते वल कुदरते वल किबरिया ए
वल जबरूत सुबहानल मलेकिल हैय्यिल
लजी ला यनामो वला यमूत
सुब्बूहुन कुद्दुन रब्बोना वा रब्बुल
मला ए कते वर्रूह
अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन्नार
या मुजीरो या मुजीरो या मुजीर ।
अराफात का रोज़ा कब है (Arafat ka roza kab hai 2025)
अराफात का रोज़ा इस्लामिक महीने की धूल हिज्जा की 9वीं तारीख को होता है यह रोज़ा भी फज्र से लेकर मग़रिब तक रखा जाता है यह रोज़ा हज्ज के दौरान बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जिसमे आपको अल्लाह की इबादत करनी होती है।

हज़ारी का रोज़ा कब है (hazari roza kab hai 2025)
हज़ारी का रोज़ा मुहर्रम के महीने मे मनाया जाता है यह रोज़ा मुहर्रम के 9वें दिन होता है यानि आशूरा को रखा जाता है यह रोज़ा आप सल्लल्लहू अलैहि वसल्लम की सुन्नतो मे से एक है इसलिए यह रोज़ा मुस्लिम समुदाय रखता है जिसमे लोग इबादत करके के अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते है।
मुहर्रम का रोज़ा कब है (muharram ka roza kab hai)
मुहर्रम का रोज़ा इस्लामिक तारीख के अनुसार मुहर्रम की पहली तारीख को रखा जाता है इस महीने को मुस्लिम समुदाय मे नया साल कहा जाता है मुहर्रम का रोज़ा भी लोग अल्लाह की इबादत के लिए रखते है ताकि वो सही रास्ते पर चलने वाले बन जाए।
रोज़ा कब है?
इस साल का रोज़ा 28 फरवरी 2025 से शुरू हो रहा है।
ईद कब है?
इस साल की ईद उर्दू की 30 या 1 तारीख को पड़ सकती है।
रोज़ा रखने के फायदे क्या है?
रोज़ा रखने के कई फायदे है
रोज़ा रखने से आपकी सेहत अच्छी रहती है।
रोज़ा रखने से अल्लाह से लगाव हो जाता है
रोज़ा रखने से आप कई प्रकार की बीमारियों से दूर रहते है
रोज़ा कितने दिन का होता है?
रोज़ा 29 से 30 दिन का होता है।
निष्कर्ष:
इस लेख मे हमने रोज़े से संबंधित सारी जानकारी दे दि है यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो हमे कमेन्ट मे ज़रूर बताए और अगर आपका कोई सवाल हो तो हमसे पूछ सकते है।