वैसे ईद-उल-अज़हा इस्लाम का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो पूरी दुनिया मे मुस्लिम भाइयों के द्वारा मनाया जाता है ईद-उल-अज़हा को बकरीद भी कहते है क्युकी इस त्योहार मे बकरे या किसी अन्य पशु की कुर्बानी दी जाती है। 

Eid al adha mubarak ho 2023

ईद-उल-अज़हा  को इसलिए मनाया जाता है की अल्लाह ने इब्राहीम (अ. स.) की आजमाइश के लिए उनसे अपने बेटे इस्माईल  (अ. स.) की कुर्बानी मागी और  इब्राहीम (अ. स.) बेगैर सवाल-जवाब पूछे ही कुर्बानी देने को तैयार हो गए ...   

अल्लाह उनके पक्के ईमान से खुश हो गए क्युकी तुम मेरी आजमाइश मे पास हुए  और इस्माईल (अ. स.) के बदले मे उन्हे एक दुंबा दिया कुर्बानी के लिए। 

और तब से ईद-उल-अज़हा  मनाया जाने लगा ताकि लोगों का ईमान मजबूत हो सके करुणा, और बुराइयों को खुद से दूर कर सके।  

ईद-उल-अज़हा  का मकसद होता है आपसी भाईचारा फैलाना लोगों को बुराइयों वा भलाई के बारे मे समझाना ताकि सब मिल जुल कर रह सके। 

इस दिन मुस्लिम लोग मस्जिदों मे नमाज़ अदा करते है और सब एक दूसरे से गले मिलते है ताकि आपसी मेल-जोल पहले की तरह बना रहे। 

ईद-उल-अज़हा के दिन मुस्लिम परिवारों मे सेवाइया बनाई जाती है और सब लोग  अपने दोस्तों रिश्तेदारों को घर पर बुलाते है और गरीबों को भी खाना नाश्ता खिलाकर उनकी मदद करते है। 

ये दिन मुस्लिमों के लिए बहुत ही खास होता है जिसमे ये सबको एकजुट करने की कोशिश करते है और सबके साथ ये त्योहार मनाते है ईद-उल-अज़हा भी हमे यह बताने की कोशिश करता है की  सबकी भागीदारी और सहयोग से हम एक समृद्ध  समाज  बना सकते है।